रविवार, 8 जनवरी 2023

भारतीय दुभाषिए और लोक साहित्य

                                            भारतीय दुभाषिए और लोक साहित्य

1857 के विद्रोह को औपनिवेशिक सूचना संग्रहण की विफलता मन गया। इसके बाद अंग्रेजों ने विधि, राजस्व एवं प्राचीन ग्रंथों के अतिरिक्त देशी लोकसाहित्य के अध्ययन पर विशेष ध्यान दिया। इसके बाद जनसाधारण, उनकी धारणाओं एवं स्थानीय रीति-रिवाजों को जानने में दिलचस्पी बढ़ी।

भारतीय दुभाषिए अंग्रेज अधिकारियों के साथ कार्य करते थे और बड़ी सत्यनिष्ठा से अनुवाद का कार्य करते थे। लोकसाहित्य के संकलन एवं आलोचनात्मक व्याख्या में इनकी भूमिका बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। औपनिवेशिक अधिकारियों ने जो कुछ अभिव्यक्त एवं प्रस्तुत किया उसमें भारतीय दुभाषिए की अहम् भूमिका रही है। भारतीय दुभाषिए औपनिवेशिक अधिकारियों एवं आमजन के बीच सेतु का कार्य किया। लोक साहित्य के अनुवाद एवं उसके संरक्षण से इस संपदा का संरक्षण हुआ। इन्हीं के कार्यों पर आज कई अध्ययन हुए एवं हो रहे हैं। 

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