उपन्यास
उपन्यास
गद्य-शैली में लिखा गया वह अन्यतम विधा है जिसके मूल में कथा है। काव्य एवं नाटक
का कथातत्व इनकी काव्यात्मकता एवं रंगमंचीयता से भिन्न उपन्यास के रूप में विकसित
हुआ। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि उपन्यास कथात्मक कथा का एक अपेक्षाकृत
लंबा काम है, जिसे आम तौर पर गद्य में लिखा जाता है और पुस्तकाकार
रूप में प्रकाशित किया जाता है। इसे कल्पना-प्रसूत कथा भी कहा जाता है। यह एक
लंबा काल्पनिक (fictional) आख्यान (narrative) है।
बृहत्
हिंदी कोश उपन्यास को इस प्रकार परिभाषित करता है – “कल्पित और काफ़ी लंबी कहानी
जिसमें प्रायः बहुत से पात्र हों तथा जीवन की विविध बातों का चित्रण हो, ‘नावेल’ (बृहत् हिंदी कोश, पृ.-174)” उपन्यास को इसके
अंग्रेजी नाम ‘novel’ से कई भारतीय भाषाओं ‘नावेल’ या
‘नाविल’ के नाम से जाना जाता है । अंग्रेजी में यह novela अर्थात् नया (new) एवं भिन्न के अर्थ में लिया जाता था क्योंकि यह विधा सर्वथा नयी थी । मराठी
एवं कन्नड़ में इसे ‘कादंबरी’ के नाम से जाना जाता है ।
उपन्यास को गुजराती में ‘नवलकथा’ (નવલકથા), तेलुगु में ‘नवल’ (నవల), तमिळ
एवं मलयालम में ‘नावेल’ (நாவல்)
एवं (നോവൽ) कहा
जाता है । हिंदी में इस शब्द का प्रयोग संभवतः बंगला से आया है । उपन्यास को बंगला, ओड़िया एवं असमिया में इसी नाम से जाना जाता है । फ्रांसीसी भाषा में
उपन्यास विधा को ‘रोमौं’ (Roman) कहा जाता है।
उपन्यास
की एशियाई परंपरा यथा चीनी, जापानी एवं कोरियाई संस्कृति
में उपन्यास को ‘लंबी गपशप’ या ‘लंबी छोटी बातचीत’ (long length small talk - 長篇小說 ) कहा जाता है। दरअसल चीनी
परंपरा से इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग आरंभ हुआ। चीनी परंपरा में साहित्यिक
कृतियों को ‘छोटी बातचीत’, ऐतिहासिक लेखन को ‘माध्यमिक
बातचीत’ एवं दर्शन और शाश्वत नियमों पर आधारित लेखन को ‘महान
बातचीत’ कहा जाता था। स्पष्ट है कि यहाँ छोटी, माध्यमिक एवं महान बढ़ते क्रम में हैं तथा दार्शनिक एवं तात्विक लेखन को
ही सर्वश्रेष्ठ माना जाता था।
विश्व
के प्रथम उपन्यासों में निम्नलिखित उपन्यास महत्वपूर्ण हैं -
1.
गर्गौंतुआ और पोंताग्रूएल का
जीवन
(English: The Life of Gargantua and of Pantagruel , French: La vie de Gargantua
et de Pantagruel, 1532-1564) यह 16वीं
शताब्दी में फ़्रौंस्वा राबले (François Rabelais) द्वारा
लिखे गए पाँच उपन्यासों की एक शृंखला है, जिसमें गर्गौंतुआ
और उसके पुत्र पोंताग्रूएल नामक दो विशालकाय चरित्रों के जीवन, उनकी यात्राएं एवं अनुभवों को चित्रित किया गया है। इस फ्रांसीसी उपन्यास
में मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान एवं अनुभव, दर्शन आदि की बात
की गयी है। (https://en.wikipedia.org/wiki/Gargantua_and_Pantagruel )
2.
मिगेल दे सेरवांतेस
(Miguel
de Cervantes) की कृति ‘दोन किखोते दे ला
मांचा’ (Don Quixote de
la Mancha) (1605, 1615) को कई
विद्वान सही अर्थों में विश्व का पहला उपन्यास मानते हैं। स्पेनिश भाषा में रचित
यह उपन्यास सबसे ज्यादा अनूदित उपन्यासों में से एक है। इसे विश्व के सबसे
महत्वपूर्ण साहित्यिक कृतियों में भी गिना जाता है। (https://en.wikipedia.org/wiki/Don_Quixote)
3.
मादाम द लाफायेत (Madame
de La Fayette) की कृति प्रिंसेस दे क्लैव (La
Princesse de Clèves) को मार्च 1678 में बिना किसी रचयिता के नाम के
प्रकाशित किया गया था। इसे कई विद्वानों ने मनोवैज्ञानिक एवं ऐतिहासिक उपन्यास की
परंपरा की शुरुआत मानते हैं। यह फ्रांसीसी उपन्यास पत्र शैली में लिखा गया संभवत:
पहला उपन्यास है। (https://en.wikipedia.org/wiki/La_Princesse_de_Cl%C3%A8ves )
4.
अंग्रेजी साहित्य के के कुछ
प्रमुख उपन्यासकार निम्नलिखित हैं :
डानियल
डफ़ो (Daniel
Defoe) की रॉबिंसन क्रुसो
(Robinson Crusoe-1719) को अँग्रेजी के शुरुआती
उपन्यासों में गिना जाता है।
सामुएल
रिचार्डसन (Samuel Richardson (1707-1754)) को पत्रात्मक
शैली (epistolary novels) के उपन्यासों के लिए जाना जाता है।
इनके कुछ प्रसिद्ध उपन्यास हैं - Pamela; or, Virtue Rewarded (1740),
Clarissa: Or the History of a Young Lady (1748), The History of Sir Charles
Grandison (1753)
हेनरी
फील्डिंग (Henri Fielding) का उपन्यास टॉम जोन्स (Tom
Jones - 1749) को शुरुआती श्रेष्ठ
उपन्यासों में गिना जाता है। इसे फील्डिंग का सर्वश्रेष्ठ उपन्यास है जिसका बाद के
उपन्यासों पर विशेष प्रभाव पड़ा ।
गद्य
उपन्यास के विकास को मुद्रण में नवाचार और 15वीं शताब्दी में सस्ते कागज की शुरूआत
से प्रोत्साहन मिला। पद्य को याद रखना एवं दूसरे से कहना आसान था एवं लिखित पुस्तक
की प्रतिलिपि बनाना प्रिंटिंग प्रेस के विकास से पूर्व एक कठिन कार्य था। इसीलिए
प्रिंटिंग प्रेस के विकास से पूर्व अधिकांश साहित्य पद्य में ही रचे गए तथा यह भी
ध्यान देने की बात है कि पद्य में लिखा साहित्य अपनी गेयता, गीतात्मकता आदि के
कारण ही पीढ़ी दर पीढ़ी संप्रेषित-संरक्षित रहा ।
उपन्यास
की कई विशेषताओं हो सकती हैं जिनमें से कुछ निम्नवत हैं -
1.
काल्पनिक आख्यान
2.
साहित्यिक गद्य शैली
3.
अंतरंगता का अनुभव
4.
लंबाई
5.
पात्र
हिंदी में 'नावेल' के अर्थ में 'उपन्यास' शब्द का प्रथम प्रयोग संभवतया भारतेंदु हरिश्चंद्र ने 1875 ई. में 'हरिश्चन्द्र चन्द्रिका' में
प्रकाशित अपनी अपूर्ण रचना 'मालती' के
लिए किया था। ब्रजरत्न दास के अनुसार, भारतेंदु हरिश्चंद्र ने
'कुछ आपबीती कुछ जग बीती' नाम से एक
उपन्यास लिखा था। किंतु, आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने सन् 1882
में प्रकाशित लाला श्रीनिवास दास कृत 'परीक्षा गुरु' को अंग्रेजी के ढंग का हिंदी का पहला
मौलिक उपन्यास माना है। हिंदी के प्रथम उपन्यास के बारे में विद्वानों का एक मत नहीं
है, अलग-अलग लोगों के अनुसार भिन्न-भिन्न
रचनाएँ मानी गई हैं, कुछ दृष्टांत निम्नलिखित हैं –
प्रस्तोता
/ समालोचक
|
उपन्यास
|
प्रकाशन
वर्ष
|
उपन्यासकार
|
डॉ. गोपाल राय
|
देवरानी जेठानी की
कहानी
|
1870 ई.
|
पं. गौरी दत्त
|
डॉ विजयशंकर मल्ल
|
भाग्यवती
|
1877 ई.
|
श्रद्धाराम फिल्लौरी
|
श्री रामचंद्र शुक्ल
|
परीक्षा-गुरु
|
1882 ई.
|
लाला श्रीनिवास दास
|
हिंदी के महान लेखक
उपन्यास के मूल तत्व को अपने लेख ‘उपन्यास’ में बताते हैं - “मैं उपन्यास को
मानव-चरित्र का चित्र मात्र समझता हूँ। मानव-चरित्र पर प्रकाश डालना और उसके
रहस्यों को खोलना ही उपन्यास का मूल तत्त्व है।” (प्रेमचंद 2008: 47)
सन् 1888 में प्रकाशित देवकीनंदन
खत्री द्वारा रचित हिंदी के आरंभिक उपन्यासों में से एक उपन्यास ‘चंद्रकांता’
हिंदी का पहला लोकप्रिय उपन्यास ही जिसने लोगों को हिंदी वर्तनी सीखने एवं हिंदी पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
उपन्यास के निम्नलिखित
तत्व माने जाते हैं, जिनका ध्यान उपन्यास के अनुवाद हेतु भी महत्वपूर्ण है –
कथानक
चरित्र चित्रण और पात्र
कथोपकथन
देशकाल एवं वातावरण
भाषा-शैली
उद्देश्य
उपन्यास के कई प्रकार
हैं, जिनमें कुछ इस प्रकार हैं :
ऐतिहासिक उपन्यास (Historical
novel),
पिकरेस्क उपन्यास (Picaresque
novel),
संवेदनशील उपन्यास (Sentimental novel),
गोथिक उपन्यास (Gothic novel),
मनोवैज्ञानिक उपन्यास (Psychological
novel),
novel of manners,
Bildungsroman
पत्र शैली का उपन्यास (Epistolary
novel),
आंचलिक उपन्यास (Pastoral novel),
roman à clef,
antinovel,
cult novel,
जासूसी उपन्यास (detective novel),
रहस्य उपन्यास (mystery novel),
थ्रिलर उपन्यास (thriller novel),
पश्चिमी उपन्यास (western novel),
फ़ंतासी (fantasy novel/),
सर्वहारा (proletarian)
संदर्भ ग्रंथ :
प्रेमचंद. (2008). कुछ विचार. इलाहाबाद : लोकभारती.