शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

नेतृत्व क्षमता

                                         नेतृत्व क्षमता (Leadership Skill)

 

नेतृत्व क्षमता क्या है ? और, इसका विकास कैसे किया जाय ?  एक नेता कैसा होना चाहिए एवं उसमें क्या-क्या गुण होने चाहिए, इन सभी के बारे में हमें जानना चाहिए एवं आधुनिक युग में इसकी बहुत ही आवश्यकता है । एक नेता अथवा अच्छा प्रशासक अपने द्वारा किये गये कार्यों की जिम्मेदारी लेता है । अपने सहयोगियों एवं साथियों को उचित सम्मान देता है । समय-समय पर उनके द्वारा किये गये कार्यों की सराहना करता है । उनके होने के महत्व को बताता है । अगर सहयोगियों द्वारा कोई कमी हो या त्रुटि हो तो उन्हें आराम से एकांत में बताता है । वह डांटता है लेकिन बेइज्जत नहीं करता। वह अपने सहयोगियों का उचित सम्मान करता है तथा अपने व्यवहार द्वारा अनुकरणीय बनता है । कोई भी व्यक्ति भले ही अपने भाषण में कितना भी कहे लेकिन अगर उसकी कथनी-करनी में अंतर है तो वह कभी भी अनुकरणीय नहीं हो सकता। एक नेता का सबसे बड़ा गुण है कि वह बड़े उद्देश्यों एवं दूसरों के लिए अपने निजी हितों का भी ध्यान नहीं रखता है। उसके लिए कर्तव्य सबसे ऊपर होता है। नेता अथवा लीडर अकर्मण्यता से डरता है और वह असफल होने से नहीं डरता है। वह लीक से हटकर सोचने का साहस करता है। उसके पास दूसरों को धैर्य से सुनने की क्षमता होती है। उसके लक्ष्य व्यक्तिपरक न होकर संस्था या देश हित में होते हैं। उसमें मानवोचित भाव एवं गुण भी होते हैं, वह निरा यांत्रिक नहीं होता है।

 

नेतृत्व क्षमता तीन प्रकार की होती है :

 

1.      परिवर्तनीय (Transactional)

2.      अनुकरणीय (Transformational)

3.      छद्मानुकरणीय (Pseudo transformational)

 

उपर्युक्त तीनों में से अनुकरणीय (Transformational) नेतृत्व ही उत्तम है। एक अच्छे नेता या प्रशासक की दृष्टि एवं विज़न स्पष्ट होती है। वह अपने ध्येय को लेकर भ्रम की स्थिति में नहीं रहता है। अनेकों वास्तविक एवं ऐतिहासिक उदाहरणों से हम नेतृत्व क्षमता क्या होती है-  सीख सकते हैं।  फ़्रांसीसी सिद्धांत लेसे-फैर (Laissez-Faire) भी एक प्रकार की नेतृत्व क्षमता ही है जिसमें नेता सब कुछ अन्य लोगों पर छोड़ देता है। वह जैसा चल रहा है, वैसा ही चलने देता है। वह मात्र एक दर्शक की भूमिका में होता है। नेता के लिए यह स्थिति भी सही नहीं है। एक नेता को वर्तमान एवं भविष्य पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए लेकिन अतीत को भी विस्मृत नहीं होने देना चाहिए। एक गाड़ी की तरह आगे का शीशा वर्तमान एवं भविष्य है और पीछे वाला दर्पण भूत को प्रदर्शित करता है।

 

© डॉ. श्रीनिकेत कुमार मिश्र

    सहायक प्रोफेसर,

    अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ,

    म.गां.अं.हिं.वि., वर्धा

2 टिप्‍पणियां:

  1. नेता अथवा लीडर अकर्मण्यता से डरता है और वह असफल होने से नहीं डरता है
    प्रभावी पंक्ति। 👌
    फ्रांसीसी युक्ति जोड़ना अच्छा लगा। 👍

    नेता नवीनता और आरंभ से अंत तक यात्रा करना और करवाना जानता है। 🤝

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