हिंदी के साथ अन्य विदेशी भाषाओं का संवाद : अटल
भाषांतर योजना (ABY)
अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त अन्य विदेशी भाषाओं के
विद्यार्थियों के लिए अनुपम अवसर है- ‘अटल भाषांतर योजना (Atal Bhashantar
Yojana)’।
26 दिसंबर 2018 को विदेश मंत्रालय द्वारा भारत
रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में ‘अटल
भाषांतर योजना (ABY)’ का शुभारंभ
किया गया। अरबी,
चीनी, फ्रेंच, जापानी, रूसी और
स्पेनिश से हिंदी भाषा में भाषांतर के लिए 'विशिष्ट दुभाषियों' का एक पूल या
समूह तैयार करने की दिशा में भाषा विशेषज्ञों अथवा हिंदी से विदेशी भाषाओं के
दुभाषिए के प्रशिक्षण के लिए ‘अटल भाषा योजना’ आरंभ की गई है।
पात्रता (Eligibility): कक्षा दसवीं
से लेकर विश्वविद्यालय तक सारी परीक्षाओं में आवेदक के अंक 60% या इससे अधिक होने
चाहिए। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से मान्यता प्राप्त तथा
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (NAAC) द्वारा
न्यूनतम बी+ (B+) श्रेणी (ग्रेड)
प्राप्त विश्वविद्यालयों से उपरिलिखित 6 भाषाओं में से किसी एक भाषा में स्नातक और
उच्चतर उपाधि धारक या उसके समकक्ष योग्यता वाले विद्यार्थी आवेदन के पात्र होंगे। अभ्यर्थियों
का हिंदी और अंग्रेजी भाषा में दक्षता अनिवार्य है। 21 से 26 वर्ष तक के अभ्यर्थी ‘अटल
भाषांतर योजना’ हेतु आवेदन कर सकते हैं। इस योजना हेतु विदेश मंत्रालय की वेबसाइट
और राष्ट्रीय समाचार पत्रों में आवेदन हेतु विज्ञापन दिए जाते हैं।
चयन-प्रक्रिया (Selection Process) : ‘अटल भाषांतर
योजना (ABY)’ योजना के अंतर्गत
प्रत्येक उम्मीदवार को उपरोक्त विदेशी भाषाओं में एक बहु-स्तरीय चयन प्रक्रिया के
माध्यम से चयनित किया जाता है। पहली चयन परीक्षा स्क्रीनिंग परीक्षा होती है।
इसमें सफल होने के पश्चात लिखित और मौखिक परीक्षा ली जाती है। चयन का तीसरा एवं
अंतिम चरण साक्षात्कार होता है। इन तीनों परीक्षाओं के चरणों से गुजरने के बाद ही
अभ्यर्थी का चयन संभव है।
विशेषताएँ एवं लाभ (Benefits) : चयनित उम्मीदवारों
को विदेश में प्रतिष्ठित भाषा स्कूलों में भारत सरकार की तरफ से निशुल्क विदेशी
भाषा से अनुवाद एवं निर्वचन के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। चयनित
उम्मीदवारों को उनके प्रशिक्षण अवधि के दौरान मासिक वजीफा या अध्येता वृत्ति भी प्रदान
किया जाता है। उसे अंतरराष्ट्रीय यात्रा का टिकट एवं चिकित्सा बीमा आदि का खर्च वहन
भी भारत सरकार के द्वारा ही किया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उत्तीर्ण
उम्मीदवारों को विदेश मंत्रालय में ‘विशिष्ट दुभाषिया’ के रूप में 5 वर्ष की अवधि
के लिए नियुक्त किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय द्वारा प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट 2019-20 के
अनुसार ‘अटल भाषांतर योजना (ABY)’ के अंतर्गत प्रथम बैच में कुल तीन (03)
उम्मीदवारों का चयन किया गया। कुल निर्धारित छ: भाषाओं में से मात्र चीनी, अरबी
एवं रूसी भाषाओं में एक-एक विद्यार्थी ही इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए जुड़ पाए। चयनित
विद्यार्थी अमेरिका के विश्वविद्यालयों में ‘निर्वचन एवं अनुवाद (Interpretation
and Translation)’
के क्षेत्र में परास्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। पहले वर्ष इस योजना के तहत
फ्रांसीसी, जापानी एवं
स्पेनिश हेतु कोई अभ्यर्थी इसमें नहीं शामिल हो पाया है। मंत्रालय के वर्ष 2020-21
एवं 2021-22 की वार्षिक रिपोर्टों इस योजना में शामिल प्रतिभागियों से संबंधित कोई
भी जानकारी नहीं मिलती है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि कोरोना काल (COVID-19) के कारण इस
योजना पर समेकित प्रयास न हो पाया हो।
© डॉ. श्रीनिकेत कुमार मिश्र
सहायक आचार्य
अनुवाद
अध्ययन विभाग
महात्मा
गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा